Megasthenes Kaun Tha? Learn About A Great Historian

आज के इस टॉपिक में हम लोग एक रोचक टॉपिक के बारे में बात करने वाले हैं जो की भारत के शानदार इतिहासिक दौर से सम्बंधित है, आज हम जिस एक व्यक्ति के बारे में बात करने वाले हैं उनका नाम मेगास्थेनीज़ है एवं हम आपको Megasthenes Kaun Tha के बारे में बताने वाले हैं.

Megasthenes Kaun Tha

Megasthenes (मेगास्थेनीज़) एक प्राचीन यूनानी इतिहासकार थे, जो चंगागीढ़ के सेलेयुकस (सिकंदर के जर्नल) के राजदूत थे. यही हमारे आज के प्रश्न Megasthenes Kaun Tha का संक्षेप में उत्तर है.

मेगास्थेनीज़ मौर्य साम्राज्य के दौरान भारत आए थे एवं वह करीब 15 वर्ष तक भारत में रहे थे. मेगास्थेनीज़ 4 BC (ईसा पूर्व) भारत आये थे. मेगास्थेनीज़ ने भारत से सम्बंधित विभिन्न विषयों, भारत की सामाजिक व्यवस्था, एवं भारत की राजनीतिक स्थिति के ऊपर “इंडिका” नामक किताब लिखी थी. यह किताब भारत के बारे में लिखी गई सबसे पुरानी जानकारी है, जिसका अस्तित्व आज भी है. आज हम इस पुस्तक के बारे में भी विस्तार से बात करने वाले हैं.

अपने भारत के प्रवास के दौरान Megasthenes ने अपने चारों तरफ होने वाली घटनाओं को बहुत ध्यान से देखा, समझा एवं विस्तार से इनका विवरण किया. अपने अनुभवों के आधार पर उन्होंने अपनी इस पुस्तक में भारत के जीवन और संस्कृति के बारे में बहुत विस्तार से बताया है.

उन्होंने तत्कालीन भारत प्रचलित नगरीय व्यवस्था का भी अध्ययन किया एवं इसकी व्याख्या अपनी पुस्तक में की है. अपनी पुस्तक में इन्होने भारत में दो प्रमुख नगरों, पाटलिपुत्र (Patliputra) एवं मथुरा (Mathura) के बारे में विस्तार पूर्वक वर्णन किया है एवं बताया  कि पाटलिपुत्र एक बहुत ही समृद्ध नगर था जो दुनिया के सबसे बड़े नगरों में से एक था. Megasthenes Kaun Tha इन्होने इंडिका में भारतीय राजनीति के बारे में भी लिखा है एवं समकालिन मौर्य सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य और उनके पुत्र सम्राट अशोक के बारे में भी बताया था.

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Topic of Megasthenes’ Book: Megasthenes Kaun Tha

Megasthenes (मेगास्थेनीज़) ने अपनी इंडिका पुस्तक में मुख्यतः निम्नलिखित विषयों के बारे में लिखा है-

भारतीय समाज एवं सामाजिक व्यवस्था:

Megasthenes ने अपनी पुस्तक इंडिका में भारतीय समाज एवं उसकी सामाजिक व्यवस्था के बारे में लिखा है. मेगास्थेनीज़ ने अपनी किताब “इंडिका” में भारतीय धर्म के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि उनके समय में भारत में दो मुख्य धर्म के लोग थे – (1) ब्राह्मण एवं (2) श्रमण. सभी ब्राह्मण हिंदू धर्म के अनुयायी थे और वेदों पर आधारित धार्मिक रिवाजों को मानते थे, जबकि श्रमण मुख्यतः जैन और बौद्ध धर्म के अनुयायी होते थे. Megasthenes Kaun Tha, इस प्रश्न के उत्त्तर में हमे इंडिका पुस्तक के बारे में विस्तार पूर्वक जानना होगा.

उन्होंने ब्राह्मणों को भारतीय समाज में एक उच्च सम्मान वाले और प्रभावशाली वर्ग के रूप में वर्णित किया था, जो हिंदू धर्म के धार्मिक और आध्यात्मिक कार्यों के लिए जिम्मेदार थे. वह इस बात को भी बताते हैं कि श्रमण समुदाय में जैन और बौद्ध धर्म के अनुयायी शामिल थे जो ध्यान, तपस्या और अहिंसा की विशेषताओं को अपनाते थे.

व्यापार:

मेगास्थेनीज़ ने अपनी किताब “इंडिका” में भारतीय व्यापार के ऊपर प्रकाश डाला है. उन्होंने बताया है कि उस समय भारत में व्यापार का बहुत व्यापक विकास हो चुका था. उन्होंने बताया कि भारत में खुदरा व्यापार, उद्योग व्यापार, नौकायान व्यापार और व्यवसाय के प्रमुख अन्य क्षेत्र थे.

Megasthenes ने भारतीय खुदरा व्यापार को बहुत उत्तम बताया है एवं  इसके बारे में विस्तृत वर्णन किया है. उन्होंने बताया कि भारतीय व्यापारिक व्यवस्था काफी संगठित थी, वस्तुओं को वजन और माप के अनुसार बांटा जाता था. भारत में सोने और चांदी का व्यापार भी बहुत उत्तम था. उन्होंने बताया कि भारत में उत्पादन और व्यापार के कुछ क्षेत्र तब भी तकनीकी तरीकों के साथ किए जाते थे. Megasthenes Kaun Tha प्रश्न का उत्तर आपको निश्चित ही मालूम चल गया होगा.Megasthenes Kaun Tha

नियम कानून:

मेगास्थेनीज़ ने समकालिन नियम कानूनो के बारे में विस्तृत चर्चा की है. उन्होंने अपनी किताब “इंडिका” में भारतीय राजाओं द्वारा बनाए गए विभिन्न नियमों के बारे में भी विस्तार से बताया है. उन्होंने बताया कि भारत में राजाओं को अपने प्रजाओं के लिए सभी समान नियमों का पालना करना चाहिए.

Megasthenes ने बताया कि भारतीय राजाओं को दंडाधिकार भी होता था जिसे वे अपने राज्य में अपनाते थे. वे अपने राज्य में न्याय और शासन का पालन करने के लिए न्यायाधीशों और अन्य अधिकारियों का नियुक्ति करते थे. उन्होंने बताया कि राजाओं को अपने राज्य में धर्म और सभ्यता के नियमों का पालन करने का भी जिम्मा था.

Megasthenes ने बताया कि भारतीय राजाओं के द्वारा निर्धारित नियम बहुत समझदारी से बनाए गए थे और वे अपने राज्य के विकास एवं सुधार के लिए कई उपाय अपनाते थे. उन्होंने बताया कि भारतीय राजाओं को अपने राज्य के विकास के लिए लोगों को उनके कार्यों में सहयोग करने के लिए प्रोत्साहन देते थे.

खेल एवं मनोरंजन के साधन:

Megasthenes ने समकालिन खेल एवं मनोरंजन के साधन के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया है. उन्होंने बताया कि भारत में लोग विभिन्न खेल और खेलों के साथ समय बिताते थे. उन्होंने बताया कि “मलखम्मा” एक लोकप्रिय खेल था. इस खेल में दो टोकरियों के बीच में एक गेंद थी, जो बल्ले से मारी जाती थी. इसी प्रकार दूसरे लोकप्रिय खेल भी थे जिनमे मुख्यता एक दूसरे को चुनौती देने वाले दो खिलाड़ियों के बीच के खेल शामिल थे.

त्योहार एवं उत्सव:

Megasthenes ने समकालिन त्योहार एवं उत्सव के बारे में विस्तार से बताया है.  उन्होंने बताया कि भारत में लोग उल्लास के साथ उत्सव मनाते थे एवं  भारत के विभिन्न हिस्सों में मेले, त्योहार और धार्मिक आयोजन होना आम था. इनमें से कुछ प्रमुख उत्सव दीवाली, होली और जन्माष्टमी थे. उन्होंने बताया कि भारत में रात्रि में भी लोग मनोरंजन करते थे और उन्हें इन अवसरों पर स्वादिष्ट भोजन भी प्रदान किया जाता था. इसके अलावा लोग संगीत, नृत्य और कवि सम्मेलनों का भी आनन्द लेते थे. हम हमारे प्रश् Megasthenes Kaun Tha के उत्तर में कह सकते हैं की Megasthenes वह व्यक्ति था जिसने भारत के स्वर्णिम इतिहास से दुनिया को परचित करवाया था.

वेश्यावृत्ति:

मेगास्थेनीज ने भारत में वेश्यावृत्ति के बारे में भी बताया था. उन्होंने बताया कि भारत में वेश्यावृत्ति एक व्यवसाय की तरह लिया जाता है. यहाँ  वेश्याओं की व्यापक उपस्थिति थी और वे अपना व्यवसाय उत्तम तरीके से चलाती थीं. उन्होंने बताया कि वेश्याओं के साथ सम्बन्ध यधपि भारतीय समाज में स्वीकृत नहीं थे लेकिन उन्हें भी समाज में एक अलग स्थान दिया जाता था. Megasthenes ने बताया कि वेश्याओं का व्यवसाय धर्म और नैतिकता के नियमों के विरुद्ध था लेकिन क्योंकि वह भी समाज का एक भाग थी अतः उन्हें समाज में स्थान देने के लिए कुछ नियम बनाए गए थे.

भारतीय विवाह:

Megasthenes ने विवाह से जुड़ी जानकारी भी साझा की है. उन्होंने भारतीय समाज में विवाह की महत्वपूर्णता  के बारे में बताया है यह भी बताया है की इसे एक पवित्र संस्कार माना जाता था एवं विवाह के द्वारा दो लोग –लड़का एवं लड़की जन्मो तक एक दुसरे का साथ देने की कसमें खाते थे. Megasthenes Kaun Tha, यह वो व्यक्ति थे जिहोने अपनी पुस्तक इंडिका में भारतीय समाज में विवाह के बारे में बतया था.

Megasthenes ने भारतीय समाज में प्रचलित विभिन्न प्रकार विवाहों के बारे में बताया है. इनमे मुख्यतः प्रेम संबंधो द्वारा युवक और युवती के बीच किए जाने वाले विवाह, अनेक वर्षों तक के अंतराल के बाद बालिका के घर ले जाकर उसे अपनी पत्नी बनाने वाले विवाह और अग्रणी वर या वधु के जीवन के अंतिम समय में उनके जीवनसाथी के साथ शादी किए जाने वाले विवाह जैसे भिन्न-भिन्न प्रकार के विवाह के बारे में विस्तार पूर्वक बताया है.

उस समय भारत में एकाधिक विवाह की परंपरा थी, हालाकि यह सिर्फ प्रथा सिर्फ राजाओं और धनी लोगों तक ही सीमित थी.एवं  सामान्य लोगों के समाज में एक पत्नी के साथ विवाह की प्रथा ही प्रचलित थी.

उन्होंने बताया कि भारत में विवाह वैदिक संस्कृति का अहम हिस्सा था जिसे धर्म, संस्कृति और परंपरा के साथ जोड़ा गया था. अगर हम आप से पूछे की Megasthenes Kaun Tha, तो आप समझ सकते होंगे की उसकी पुस्तक इंडिका में उसके भारत के शानदार इतिहास के बारे में बताया था.

राज दरबार:

Megasthenes ने राजा के दफ्तर के अधिकारियों के बारे में भी बताया था. उन्होंने बताया कि राजा के दफ्तर में कई पद होते थे. उनमें सबसे ऊपर विशेष अधिकारियों का पद होता था, जिन्हें अमात्य कहा जाता था.

उनके बाद उप-अमात्य आते थे, जो अमात्य से कम अधिकार वाले अधिकारी थे. उनके बाद कमिश्नर और तहसीलदार जैसे अन्य अधिकारी थे जिनका मुख्य कार्य एक छेत्र विशेष का प्रबंधन करना होता था.

Megasthenes ने बताया कि ये सभी अधिकारी राजा के आदेशों का पालन करते थे और राजा के प्रति इमानदार होते थे. उन्हें लोगों के मुद्दों के निस्तारण, राजा की सेवा, भूमि के संबंधों की देखभाल और राज्य के प्रबंधन के लिए जिम्मेदार था.

अपराध एवं दंड:

मेगास्थेनीज ने भारत में अपराधियों के सजा के बारे में भी बताया था. उन्होंने बताया कि अपराधियों को धार्मिक रूप से सजा दी जाती थी. उन्होंने बताया कि जब कोई अपराधी पकड़ा जाता था तो उसे सबसे पहले धर्मिक रूप से दंड दिया जाता था जिसमे एक जुरमाना लगाया जाता था .यदि अपराधी दंड सहित रुकम अदा नहीं कर पाता था, तो उसे फिर से पकड़ा जाता था और इस बार उसे जान से मार दिया जाता था. उन्होंने बताया कि इस तरह के दंड को अमावस्या दंड कहा जाता था.

Megasthenes ने बताया था कि भारत में जेल इत्यादि नहीं थे. उन्होंने बताया कि जब कोई अपराधी पकड़ा जाता था तो उसे समुद्र तट पर जमीन से बंद कर दिया जाता था. Megasthenes Kaun Tha इस प्रश्न के उत्तर में आप उनके द्वारा बताई गयी न्याय व्यवस्था को अवश्य ही याद करेंगे.

उसके बाद उसे दंड के तौर पर अन्य लोगों के सामने धोखाधड़ी की गंभीरता को समझाया जाता था. उन्होंने बताया कि इस तरह की सजा बहुत ही अधिक लोगों को संबोधित करती थी, जिससे अन्य लोग इस तरह के अपराध से बचने की कोशिश करते थे.

मंदिरों के जानकारी:

Megasthenes Kaun Tha यह प्रश्न इसलिए प्रसिद्ध है क्यूंकि इन्होने भारत के धर्म के विषय में अत्यंत विस्तार से बताया है. Megasthenes ने अपनी पुस्तक में  में भारत के मंदिरों के बारे में विस्तृत जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि भारत में मंदिर एक बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान था और इसे लोग बहुत ही सम्मान की दृष्टी के साथ देखते थे. मंदिरों में विभिन्न देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित थीं इसके अलावा कुछ मंदिर एक भगवान की लिए थे जबकि कुछ में विभिन्न भगवानो की मूर्ति स्थापित थी. उन्होंने इसके अलावा यह भी बताया कि मंदिरों में बहुत प्रकार की कीमती वस्तुए जैसे की  सोना, चांदी, हीरा, मूंगे आदि भी रखे जाते थे. जिन्हें लोग भगवान पर चढ़ाव के रूप में दिया करते थे.

Megasthenes ने बताया कि मंदिरों की देखभाल धार्मिक जातियों के लोग करते थे इनका समाज में उन्नत स्थान था एवं सभी लोग मंदिरों को  जो उन्हें बहुत ही पवित्र स्थान मानते थे. मेगास्थेनीज ने बताया कि मंदिरों में अधिकतर भारतीय लोग जाते थे और वहां देवी-देवताओं की पूजा अर्चना की जाती थी. लोग अपनी समस्याओं से निकलने के लिए एवं  मनोकामनाओ को पूरा होने के लिए प्रार्थना करने मंदिर जाते थे.Megasthenes Kaun Tha

विद्यालय:

उन्होंने बताया कि समकालिन भारत में ज्ञान उपार्जन को बहुत महत्त्व दिया जाता था. इसके लिए मंदिर एक उतम स्थान था. मंदिरों में आकर लोग वहां धार्मिक ज्ञान प्राप्त करते थे. मेगास्थेनीज ने बताया कि मंदिरों के पास शिक्षा के स्थान होते थे जिन्हें गुरुकुल कहा जाता था. गुरु शिष्य की परिकल्पना बहुत महत्वपूर्ण होती थी. उन्होंने बताया कि हिन्दू धर्म के साथ साथ बौद्ध धर्म में भी शिक्षा को बहुत अधिक महत्व दिया जाता था.

समकालिन लोगों को अंकगणित, ज्योतिष, व्यापार, चिकित्सा आदि का अध्ययन करते थे एवं  सभी वर्गों के लोगों को शिक्षा का मौका मिलता था.

खेती- किसानी:

मेगास्थेनीज ने अपनी पुस्तक में भारतीय किसानों के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया है. उन्होंने बताया कि भारतीय किसान बहुत मेहनती थे और उनकी आमदनी अपनी मेहनत पर निर्भर करती थी. किसानी पैदावार को खरीदने बेचने के लिए विशेष बाजार भी थे.

Megasthenes ने बताया कि किसान अपनी फसल को बाजार में बेचकर अपनी जरूरतों को पूरा करते थे. उन्होंने इसके अलावा यह भी बताया कि भारत में किसान खेती के लिए विभिन्न प्रकार के  औज़ारों का  उपयोग भी किया जाता था. उम्मीद करते हैं की आपको Megasthenes Kaun Tha प्रश्न का उत्तर आपको मिल गया होगा.

आर्युवेदिक:

मेगास्थेनीज ने अपनी पुस्तक में यह भी बताया की  वैद्य चिकित्सा और जड़ी-बूटियों का उपयोग भारतीय समाज में प्राचीन काल से किया जा रहा है, Megasthenes ने भारत में आयुर्वेद के बारे में बताया है की आयुर्वेद भारतीय चिकित्सा विज्ञान की एक प्रमुख शाखा है जो शरीर के रोगों का उपचार करती है. आयुर्वेद में जड़ी-बूटियों, तैलों और मसाज का भी बहुत उपयोग होता है. इसके अलावा, भारत में सुश्रुत और चरक जैसे वैद्य थे, जो की आयुर्वेद की उत्पत्ति के पिता माने जाते हैं. आज के समय में भी भारतीय चिकित्सा पद्धति अपनी वैश्विक महत्वपूर्णता एवं एतिहासिक महत्त्व के कारण विश्व भर में मान्यता प्राप्त है.

गणित:

Megasthenes ने अपनी पुस्तक में भारतीय गणित के उत्थान के ऊपर भी अपने विचार व्यक्त किये हैं. भारत में गणितीय ज्ञान का विकास वेदों और जैमिति गणित के रूप में हुआ था. मेगस्थेनीज़ ने भारतीय गणित की प्रशंसा की है और बताया है की भारतीय गणित विद्या दुनिया की सबसे पुरानी गणित विद्या में से एक है और उसे बहुत ही महत्वपूर्ण बताया था. वह बताते हैं. इसके अलावा मेगस्थेनीज़ ने विभिन्न भारतीय गणितकारों आर्यभट्ट, ब्रह्मगुप्त, वराहमिहिर और भास्कर आदि के बारे में बताया है.

इंडिका के अध्याय: Megasthenes Kaun Tha

मेगस्थेनीज़ ने अपनी पुस्तक ‘इंडिका’ में भारत के बारे में विस्तृत जानकारी दी है. इस पुस्तक में 64 अध्याय हैं और मेगस्थेनीज़ की पुस्तक ‘इंडिका’ में कुल 8 भाग हैं. अध्यायों को कुल 8 भागों में विभाजित किया गया है. इन भागों में भारत भूगोल, जीवनशैली, राजनीति, धर्म, व्यापार, शिक्षा, कानून इत्यादि के बारे में जानकारी दी गई है. Megasthenes Kaun Tha, यह वो व्यक्ति है जिन्होंने इंडिका पुस्तक लिखी थी.

इंडिका : प्रथम भाग

इंडिका के पहले भाग में भारत की भोगलोकिक विवधता के बारे में बताया है. इसमें भारत के विभिन्न प्राचीन राज्यों और उन राज्यों के शासकों एवं राजाओं के बारे में बताया गया है.

इंडिका : दूसरा भाग

इंडिका के दूसरे भाग में भारत की जीवनशैली के बारे में बताया गया है. इसमें Megasthenes ने बताया है की भारतीयों लोगो को किस प्रकार के खाने-पीने पसंद था, वो किस प्रकार के वस्त्र पहनते थे, किस प्रकार की संस्कृति थी ,एवं मनोरंजन के क्या क्या साधन थे, उनके नृत्य-संगीत आदि के बारे में जानकारी दी गई है.

इंडिका : तीसरा भाग

इंडिका के तीसरे भाग में भारत की राजनीति के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है. इसमें Megasthenes ने भारत के विभिन्न राज्यों की  राजनैतिक संरचना एवं राजनीतिक प्रक्रियाओं के बारे में बताया गया है.

इंडिका : चौथा भाग

इंडिका के चौथे भाग में मेगास्थेनीज ने भारतीय समाज में विभिन्न धर्मों एवं धार्मिक आचरणों के बारे में बताया है. Megasthenes ने बताया है की भारत में किस प्रकार के धार्मिक आयोजन किये जाते थे.

इसी प्रकार अन्य विवरण के बारे में भी बताया गया है.

अपनी पुस्तक इंडिका में मेगास्थेनीज ने भारत की आर्थिक स्थिति के बारे में कोई खास जानकारी नहीं दी है. एवं अपनी रिपोर्ट में केवल राजनैतिक, सामाजिक और धार्मिक विषयों पर जानकारी प्रदान की हैं.

FAQs on Megasthenes Kaun Tha

आइये अपनी पोस्ट के इस भाग में हम Megasthenes से सम्बंधित कुछ प्रश्नों के उत्तर देने का प्रयास करते हैं.

Megasthenes Bharat Kab Aaya tha?

Megasthenes 4 BC (ईसा  पूर्व) भारत आये थे. उस समय भारत में मौर्य साम्राज्य का शासन था वहां करीब 15 वर्ष तक रहे थे. एवं भारत के बारे में उन्होंने अपनी पुस्तक इंडिका में बहुत कुछ लिखा था.

Megasthnij Kaun Tha?

Megasthnij यूनान के सेलेयुकस (सिकंदर के जर्नल) के राजदूत थे.

Megasthenes  के बारे में आप यहाँ भी पढ़ सकते हैं. 

अतः कुल मिलाकर, ‘इंडिका’ एक महत्वपूर्ण पुस्तक है जिसमे मेगस्थेनीज ने भारत के शानदार समकालिन इतिहास के बारे में विस्तार पूर्वक विवरण दिया है, जिसे पढ़कर गर्व की अनुभूति होती है. इसे के साथ हम हमारे प्रश् Megasthenes Kaun Tha के बारे में इस पोस्ट का समापन करते हैं. उम्मीद करते हैं की आज की यह पोस्ट आपको पसंद आई होगी. इसी तरह की अन्य पोस्ट के लिए हमे बुकमार्क करना ना भूले. आप हमरा youtube चैनल भी सब्सक्राइब कर सकते हैं.

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