पैरालंपिक : Paralympics – An Amazing Event

पैरालंपिक खेल दुनिया भर के विकलांग खिलाड़ियों के लिए आयोजित एक वैश्विक खेल प्रतियोगिता है. यें खेल हर चार साल में आयोजित किया जाते हैं, इसमें शारीरिक, दृष्टिगत एवं बौद्धिक विकलांगता वाले खिलाड़ियों के लिए एक मंच होता है जहाँ वे अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन करते हुए सबसे ऊँची स्तर पर प्रतिस्पर्धा करते हैं. यह खेल समावेशीता को बढ़ावा देने और विकलांगता वाले खिलाड़ियों को समान अवसर प्रदान करने का उद्देश्य रखते हैं.

दोस्तों आज हम लोग पैरालंपिक के बारे में बात करने वाले हैं. आप लोगो को इन खेलो के इतिहास के बारे में बतायंगे, कैसे इन खेलो की शुरुवात हुई? कब पहली बार इन खलों का आयोजन किया गया? कौन कौन से खेल एवं स्पर्धाओं के साथ इन खलों में भाग लिया जाता है? एवं इन खेलों में भारतीयों खिलाडीयों का प्रदर्शन कैसा रहा है? तो आईये आगे बढ़ते हैं एवं इन खेलों के बारे में और अधिक जानते हैं.

Table Of Contents

पैरालंपिक या Paralympic

हालाकि इस शब्द का संधिविच्छेद कही नहीं दिया गया है पर संभवतः यह शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है

PARALYMPIC  =  PARALAYSIS+ OLYMPICS

जैसा की नाम से स्पष्ट है की यह शाररिक रूप से अक्षम लोगो का ओलम्पिक है. ओलम्पिक खेलो की तरह ही इन खेलों को भी ग्रीष्मकालीन एवं शीतकालीन खेलो में विभाजित किया जाता है एवं इन खेलो का आयोजन ओलम्पिक खेलो के तरह हर 4 सालो में एक बार किया जाता है. (यानि की हर 4 साल मे एक एक बार ग्रीष्मकालीन एवं शीतकालीन खेलों का आयोजन किया जाता है)

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पैरालंपिक खेलो का इतिहास

इन खेलो को शरू करने का श्रेय Sir Ludwig Guttmann (लुडविग गुट्टमन) को जाता है.  सर लुडविग गुट्टमन एक यहूदी जर्मन न्यूरोलॉजिस्ट थे. हिटलर के  यहूदीयों पर हुए अत्याचार के कारण सर लुडविग गुट्टमन जर्मनी छोडकर ब्रिटेन में बस गए. यही पर इन्होने 2nd विश्व युद्ध में रीढ़ की में चोट के कारण विकलांग हुए सैनिको के लिए वर्ष 1948 मे एक खेल स्पर्धा का आयोजन किया. पहेले आयोजन में केवल लोकल ब्रिटेन के सैनिको ने भाग लिया था. अगले 4 वर्षो में इस आयोजन में हॉलैंड की प्रतियोगी भी शामिल हुए.

वर्ष 1960 में पहली बार इन खेलो का आयोजन ओलम्पिक खेलो के तरह किया गया जिसे सम्पूर्ण विश्व का सपोर्ट मिला. बस यह समझ लीजिये की 1948 में सर लुडविग गुट्टमन ने एक आंदोलन की शुरुवात की जिसे बाद में पैरालंपिक के नाम से जाना गया. अभी तक निम्न शहरों एवं वर्षों में इन खेलों का आयोजन किया गया-

1960: रोम, इटली
1964: तोक्यो, जापान
1968: तेहरान, ईरान
1972: हीलेसिंकी, फिनलैंड
1976: टोरोंटो, कनाडा
1980: अर्नहेम, नीदरलैंड
1984: न्यूयॉर्क, संयुक्त राज्य
1988: सेउल, दक्षिण कोरिया
1992: बार्सिलोना, स्पेन
1996: एटलांटा, संयुक्त राज्य
2000: सिडनी, ऑस्ट्रेलिया
2004: अथेंस, ग्रीस
2008: बीजिंग, चीन
2012: लंदन, संयुक्त राज्य
2016: रियो डी जनेरियो, ब्राज़िल
2020: टोक्यो, जापान

उम्मीद करते हैं की कोई आपसे अगर यह पूछता है की इन खेलों का वर्णन कीजिए तो आप बहुत ही शानदार तरीके से इन खेलो का इतिहास बताकर सामने वाले के ऊपर अपनी छाप छोड़ सकते हैं. साथ ही आप इस प्रश्न का उत्तर भी आसानी से दे सकते हैं की इन खेलों का जनक किसे माना जाता है.

Paralympic

इन खेलो में खिलाडियों को किस प्रकार विभिन्न वर्गों में विभाजित किया जाता है

इन खेलो में खिलाडियों को पैरा खिलाड़ी या इसको इस प्रकार समझते हैं, जैसे की परम्परिक ओलम्पिक खेलो में विभिन्न स्पर्धाओं को वज़न के हिसाब से विभाजित किया जाता है( 50 kg वर्ग, 60 kg वर्ग, 70 kg वर्ग इत्यादि या फिर लाइटवेट, हैवीवेट इत्यादि). इसी प्रकार से इन खेलो में खिलाडियों को शारीरिक द्वेष या विकलांगता के हिसाब से विभिन्न पैरा खिलाडियों में विभाजित किया जाता है.

विभिन्न प्रकार की विकलांगता को निम्न 10 श्रणियों में विभाजित किया जाता है-

  1. मांसपेशियों में विकलांगता या दुर्बलता
  2. शरीर में अंग की कमी (उदहारण किसी खिलाड़ी का हाथ नहीं है )
  3. दोनों पैरो की लम्बाई अन्तर
  4. खिलाड़ी के कद का छोटा होना
  5. हाइपरटोनिया (किसी अंग की मांसपेशियों में जकड़न के कारण उस अंग की विकलांगता )
  6. एथेटोसिस (इसमें हाथ-पैरों की उँगलियों की गति धीमी एवं मंद होती है )
  7. दृष्टि में विकार या कमी
  8. बौद्धिक क्षमता में कमी
  9. Ataxia (अटाक्सिया : इसमें तंत्रिका तंत्र के विकास की कमी के कारण शरीर के मूवमेंट मे कमी रहती है )
  10. जोड़ों की गति मे अवरुद्ध

इन 10 श्रणियों के हिसाब से खिलाडियों को पैरा खिलाड़ी में विभाजित किया जाता है. इसके बाद वर्ड्स कोडिंग होती है जैसे की F का अर्थ होता है फील्ड इवेंट्स जैसे की भाला फैंक, गोला फैंक इत्यादि. T का अर्थ होता है ट्रैक इवेंट. व्हील चेयर पर खेले जाने वाले खेल डब्ल्यूएच (WH) श्रणि में रखा जाता है. S का अर्थ होता है की स्टैंडिंग यानि वो खेल जो खड़े होकर खेले जाते हैं जैसे की निशानेबाजी. इनमे भी SL का मतलब है की Lower यानि की शरीर की निचले भाग में विकलांगता, SU upper यानि की शरीर की ऊपरी भाग में विकलांगता.

इन श्रणियों को भी विभिन्न विकलांगता की रेंज के हिसाब से विभाजित किया जाता है (जैसे की ऊपर SL एवं SU), F 60, F 50, F 40. जितना अधिक अंक होता है उस वर्ग के खिलाडियों उतनी ही अधिक विकलांगता होती है. उदहारण के लिए F 60 वर्ग के खिलाडियों में विकलांगता F 40 वर्ग के खिलाडियों से अधिक है, अतः दोनों खिलाडियों को एक वर्ग में रखने से निश्चित ही कम विकलांगता के खिलाडियों को फायदा मिलेगा अतः खिलाडियों को विकलांगता के की रेंज के हिसाब  से अलग अलग वर्ग में विभाजित किया जाता है. इन खेलो का उद्देश्य सभी समान खिलाडियों को समान अवसर प्रदान करना होता है.

किस स्पर्धा में कौन कौन सी श्रणियों में खिलाडियों को विभाजित किया जायेगा इसका निर्णय अंतर्राष्ट्रीय पैरा खेल महासंघ द्वारा किया जाता है. ज्यादा जानकारी के लिए आप visit कर सकते हैं www.paralympic.org

एथलीट की स्पोर्ट्स क्लास तय करना

कौन खिलाड़ी किस क्लास या वर्ग में खेल सकता है इसका निर्णय एक वर्गीकरण पैनल करता है. इस पैनल में डॉक्टर, फिजियोथेरेपिस्ट, कोच, खेल साइंटिस्ट, मनोवैज्ञानिक, नेत्र रोग विशेषज्ञ एवं विभिन्न प्रकार के विशेषज्ञ होते हैं जो शरीर की विकलांगता के हिसाब से खिलाडियों की क्लास या वर्ग को परिभाषित करते हैं.

पैरालंपिक

पैरालंपिक मे भारत का प्रदर्शन

भारत ने अभी तक सिर्फ ग्रीष्मकालीन खेलों मे ही भाग लिया है अतः इस पोस्ट में हम सिर्फ ग्रीष्मकालीन खेलों की ही बाते करेंगे.

आईये अब देखते हैं की इन खेलो में भारत का प्रदर्शन कैसा रहा है

1972 : मुर्लिकांत पटकर : गोल्ड मैडल 50 मीटर तैराकी

1984 : जोगिन्दर सिंह बेदी : सिल्वर मैडल : गोला फैंक (short put ), जोगिन्दर सिंह बेदी : ब्रांज मैडल भाला फैंक एवं जोगिन्दर सिंह बेदी : ब्रांज मैडल डिस्क फैंक .

(जोगिन्दर सिंह बेदी दुनियांभर के चंद पैरा खिलाडियों में शामिल हैं जिन्होंने विभिन्न वर्गों मे पदक जीता है)

2004 : देवन्द्र झाजरिया : गोल्ड मैडल भाला फैंक, राजेंद्र सिंह : ब्रांज मैडल पॉवर लिफ्टिंग

2016 : दीपा मलिक : सिल्वर मैडल : गोला फैंक (short put )

(दीपा मलिक पदक जीतने वाली भारत की पहली महिला पैरा खिलाड़ी बनी )

2020 : 19 मैडल : वर्ष 2020 टोक्यों में हुए खेलों में भारतीयों  पैरा खिलाडियों ने अद्भुत कर दिखाया जहाँ अभी तक सारे पैरालंपिक में मिला कर 12 मैडल जीते थे, वही अकेले इस बार भारतीयों  पैरा खिलाडियों ने 19  मैडल जीते जिनमे 5 गोल्ड मैडल भी शामिल हैं. आइये बर्ष 2020 में पदक विजाताओ के बारे मे बात करते हैं

गोल्ड मैडल :

  1. अवनि लखेरा : महिला 10 मीटर एयर रायफल (SH 1)
  2. सुमित अंतिल : पुरुष भाला फैंक (F64)
  3. मनीष नरवाल : 50 मीटर pistol (SH 1 )
  4. प्रमोद भगत : बैडमिंटन सिंगल्स (SL 3 )
  5. कृष्णा नागर : बैडमिंटन सिंगल्स (SH 6 )

सिल्वर मैडल :

  1. भाविना पटेल : टेबल टेनिस   (क्लास 4)
  2. योगेश : पुरुष डिस्क थ्रो  (F56)
  3. निषाद कुमार : हाई जम्प (T 47 )
  4. प्रवीण कुमार : हाई जम्प (T 64 )
  5. मर्यिपन्न : हाई जम्प (T 63 )
  6. सिंग्राज : 50 मीटर pistol (SH 1 )
  7. सुभाष यथिराज : बैडमिंटन सिंगल्स (SL 4)
  8. देवेन्द्र झाझरिया : पुरुष भाला फैंक (F 46)

ब्रांज मैडल :

  1. सुन्दर सिंह : पुरुष भाला फैंक (F 46)
  2. अवनि लखेरा : महिला 50 मीटर एयर रायफल (SH 1)
  3. हरविंदर सिंह : तीरंदाजी
  4. मनोज सरकार : बैडमिंटन सिंगल्स (SL 3 )
  5. सिंघराज अधाना : 10 मीटर pistol (SH 1 )
  6. शरद कुमार : हाई जम्प (T 63 )

वर्ष 2024 में पैरालंपिक खेलो का आयोजन कहाँ होगा

अगले ग्रीष्मकालीन खेलों का आयोजन फ्रांस देश की राजधानी पेरिस में वर्ष 2024 में 28 August से 8 September तक आयोजित किये जायेंगे, जबकि अगले शीतकालीन खेलों का आयोजन इटली देश की प्रमुख शहर मिलान में वर्ष 2026 में 6 March से 15 March तक आयोजित किये जायेंगे.

उम्मीद करते हैं की इस पोस्ट को पढ़कर आपकी इन खेलों के संबंध में जानकारी मे अवश्य ही बढ़ोतरी हुई होगी.

FAQs

आइये अब उन प्रश्नों के उत्तर जानते हैं जो इन खेलों के संबंध में पूछे जाते हैं.

पैरालंपिक खेल कितने प्रकार के होते हैं ?

ये खेल दो प्रकार के होते हैं (1) ग्रीष्मकालीन (2) शीतकालीन

पैरालंपिक खेल का इतिहास क्या है ?

जैसा की ऊपर बताया गया है वर्ष 1960 में पहली बार इन खेलो का आयोजन किया गया. और ज्यादा जानकारी के लिए पोस्ट को अच्छे से पढ़े.

इन खेलों का आयोजन कितने वर्षों के अंतराल पर होता है ?

इन खलों का आयोजन हर चार सालों मे एक बार होता है.

पहला पैरा ओलंपिक खेल का आयोजन कहा हुआ था ?

वर्ष 1960 में पहला पैरा ओलंपिक खेल का आयोजन किया गया. यह इंग्लैंड में आयोजित किये गए थे.

पैरालंपिक खेल के झंडे में किन रंगों को मुख्य रूप से स्थान दिया जाता है ?

इन खेलों के झंडे में लाल, हरा एवं नीला रंग होते हैं. ये तीनो रंगों को इसलिए झंडे में चुना गया क्योंकि दुनिया के अधिकांश देशो के झंडो में इन रंगों का इस्तमाल होता है.

अन्तर्राष्ट्रीय पैरालिम्पिक समिति के विषय में समझाइए

अन्तर्राष्ट्रीय पैरालिम्पिक समिति इन खेलो की कार्यकारणी समिति है, किस खेल में कितनी क्लास होंगी, कौन सा खिलाड़ीयों किस क्लास मे खले सकता है एवं सभी नियम बनाने एवं उन्हें लागु करने का अधिकार इसी अन्तर्राष्ट्रीय समिति के पास रहता है.

टोक्यो Paralympic kya hai? विस्तार से बताएं.

वर्ष 2020 में यह खेल टोक्यो में आयोजित किये गए. आप इसके बारे में ज्यादा जानकारी के लिए उपर दी गयी पोस्ट को पढ़ सकते हैं.

पैरालंपिक खेलों का जनक किसे माना जाता है?

Sir Ludwig Guttmann (लुडविग गुट्टमन) को इन खेलों का जनक कहा जाता है.

Paralympic Kya Hota Hai?

जैसा की ऊपर बताया गया है की यह खेल शाररिक रूप से अक्षम लोगो का ओलम्पिक है. ओलम्पिक खेलो की तरह ही इन खेलों को भी ग्रीष्मकालीन एवं शीतकालीन खेलों में बाटा जाता है एवं इन खेलो का आयोजन दोनों प्रकार के खेलो का आयोजन 4 सालो में एक बार किया जाता है.

पैरालंपिक 2021 भारत पदक सूची क्या थी ?

वर्ष 2020 में यह खेल  टोक्यो में खेले गए थे एवं इनमे भारतीयों पैरा खिलाडियों ने  कुल 19  मैडल जीते (5 गोल्ड, 8 सिल्वर मैडल, 6 ब्रांज मैडल ). ऊपर की पोस्ट में विस्तार पूर्वक वर्णन किया गया है, कृपया पोस्ट को ध्यान से पढ़ें.

पैरालंपिक खिलाड़ी कौन होते हैं ?

जैसा की ऊपर की पोस्ट में बताया गया है पैरा खिलाड़ी वो खिलाड़ी होता है जो शारीरिक रूप से अक्षम होते हैं एवं इन खेलों में भाग लेते हैं.

पैरालंपिक 2020 के बारे में बताइए

वर्ष 2020 में ये खेल ,जापान के टोक्यो शहर में आयोजित किये गए थे. इनकी ज्यादा जानकारी ऊपर पोस्ट में दी गयी है

उम्मीद करते हैं की इस पोस्ट में दी गयी जानकारी आपको पसंद आई होगी एवं इन खेलों के बारे में आपके ज्ञान में वृधि हुई होगी. अगर कोई प्रश्न है तो कमेंट बॉक्स में लिखना ना भूले.

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