दोस्तों आज हम लोग बात करने वाले हैं की Common Civil Code Kya Hai. आपको बताएंगे की Common Civil Code की परिभाषा क्या है, Common Civil Code के फायदे क्या हैं एवं इसका विरोध क्यों हो रहा है.
तो आइये एवम जानते हैं Common Civil Code की परिभाषा
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Common Civil Code Kya Hai
Common Civil Code या यूनिफॉर्म सिविल कोड का हिंदी में अर्थ होता है समान नागरिक सहिंता. अर्थात सभी नागरिको के लिए एक ही प्रकार के कानून. यानि की देश के सभी नागरिको को, बिना उनके धर्म, जाती एवं सम्प्रदाय के आधार पर भेदभाव करते हुए, एक ही प्रकार के कानूनों का पालन करना होगा.
अगर आप कानून के जानकार नहीं हैं तो आपको जानकर हैरानी होगी की हमारे देश के कानून लोगो के धर्म, जाती एवं सम्प्रदाय के आधार पर बटे हुए हैं. तो अगर कोई आपसे पूछे की Common Civil Code Kya Hai तो इसका अर्थ यही है क्योंकि भारत देश एक धर्म निरपेक्ष देश है अतः Common Civil Code या समान नागरिक सहिंता के अंतर्गत देश के समस्त नागरिको को एक ही कानून के दायरे में लाना है.
अभी के समय में हिंदू , मुस्लिम , सिख एवं बोद्ध धर्म में शादी, तलाक़ , सम्पति , गोद लेना एवं उतराधकारी के संबंध मे अलग अलग कानून हैं.
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Common Civil Code का इतिहास
आइये अब इस से पहले ये जाने की Common Civil Code Kya Hai, इसके इतिहास के बारे में जानने की कोशिश करते हैं. ब्रिटिश शासन काल के दौरान 1772 में ब्रिटिश शासको ने अपनी सभी कॉलोनी (जिनमे भारत देश भी शामिल था) की जनता के लिए एक प्रकार के कानून लाने का प्रयत्न किये , इसे Hastings Plan के नाम से जाना जाता है.
Hastings Plan में ब्रिटिश कानूनों को मुख्यतः आधार बनाकर स्थानीय कानूनों का आदर करते हुए एक क़ानूनी ढांचा को बनाया गया था. इस प्रक्रिया में सभी समकालीन इस्लामिक सिविल एवं क्रिमिनल को हटाकर पुरे भारतवर्ष के लिए ब्रिटिश कानूनों को लागु किया गया, जो की कुछ कानूनों को छोडकर काफी हद तक समान नागरिक सहिंता को ही दर्शाते थे. इनमे पर्सनल कानूनों को शामिल नहीं किया गया था जिनमें मुख्यतः सम्पति उतराधिकारी एवं शादी विवाह कानूनों को अभी भी धर्म, जाती एवं सम्प्रदाय के आधार पर ही सुलझाया जाता था. अतः Common Civil Code Kya Hai यह प्रश्न का उत्तर जानने के लिए हमे इसके इतिहास को जानना अति आवश्यक है.
हालाकि भारत के आज़ादी के समय पर सविधान के निर्माण के समय Common Civil Code या समान नागरिक सहिंता का जिक्र किया गया. भारतीय संविधान के भाग 4, अनुच्छेद 44 में यह निर्देशित है की आगे आने वाली सरकारों को Common Civil Code या समान नागरिक सहिंता को लागु करने की तरफ़ कार्य करना होगा किन्तु विभिन्न सामाजिक वर्गो द्वारा विरोध के कारण इन्हें लागु नहीं किया जा सका.
यूनिफॉर्म सिविल कोड के फ़ायदे
Common Civil Code Kya Hai इस प्रश्न के उत्तर को हम जान तो गए है, पर अब देखते हैं की क्या यूनिफॉर्म सिविल कोड के समर्थक इसके क्या फायदे बताते हैं.
- अलग अलग धर्म के कानूनों के कारण देश की न्याय पालिका पर पड़ने वाला बोझ कम होगा. इससे लंबित मामलों का निपटरा जल्दी होगा.
- महिलाओं की स्थिति में नीसंदेह ही सुधार होगा. इसका मुख्य कारण है की कुछ धार्मिक कानूनों की वज़ह से महिलाओं को कम अधिकार दिए गए हैं, अगर Common Civil Code लागु किये जाते हैं तो समस्त भारत की महिलाओं को समान अधिकार प्राप्त होंगे एवम महिलाओं की सामाजिक स्थिति में सुधार होगा.
- यूनिफॉर्म सिविल कोड के समर्थकों का मानना है की देश के सभी नागरिको को अगर समान अधिकार दिए जाते हैं तो इस से सभी नागरिको में देश के प्रति देशभावन बढ़ेगी एवं देश तरक्की को प्राप्त होगा.
- यूनिफॉर्म सिविल कोड के समर्थकों का यह भी मानना है की Common Civil Code लागु करने से राजनीती स्तर पर भी वोट बैंक एवं धर्म की राजनीती को विराम मिलेगा एवं विकास की राजनीति पर मुख्य चर्चा होगी. इससे नीसंदेह देश की प्रगति एवं तरक्की में वृधि होगी.
समान नागरिक संहिता के नुकसान
अब बात करते हैं की क्या समान नागरिक संहिता के नुकसान भी हैं तथा समान नागरिक संहिता के विरोध के मुख्य कारण क्या हैं. Common Civil Code Kya Hai इसके विरोधियों का मानना है की समान नागरिक सहिंता लागु करने से कुछ धर्मो के ऊपर जबरदस्ती दुसरे धर्मो के तरीको को थोपा जाना होगा. Common Civil Code के विरोधियों का यह भी मानना है की इसे लागु करके धर्म निजिता को दबाया जा सकता है.
विश्व में Common Civil Code लागु करने वाले देश
अगर हम बात करें की विश्व के किन देशो में Common Civil Code लागु हैं तो इन देशो में अमेरिका , मिस्र यूरोप के कुछ देश जिनमे ग्रेट ब्रेटन, आयरलैंडभी हैं.साथ ही साथ बांग्लादेश एवं पाकिस्तान में भी Common Civil Code लागु हैं .
समान नागरिक संहिता किस राज्य में लागू है
यह बहुत कम लोगो को मालूम होगा एवं आपको शायद यह जानकर हैरानी होगी की भारत के एक राज्य में Common Civil Code को लागु किया गया हैं. यह राज्य है गोवा. गोवा में राज्य के बनने के समय से ही Common Civil Code को लागु कर दिया गया था.
कॉमन सिविल कोड के बारे में आप यहाँ भी देख सकते हैं
उम्मीद करते हैं की Common Civil Code Kya Hai प्रश्न के उत्तर को अब आप भली भांति बता सकते हैं
FAQs
आइये अब उन प्रश्नों के उत्तर जानने की कोशिश करते हैं जो को Common Civil Code के बारे में लोग अक्सर पूछा करते हैं
समान नागरिक संहिता के फायदे और नुकसान
Common Civil Code या समान नागरिक संहिता के पक्ष एवं विपक्ष में बहुत सारे लोगो के अलग अलग मत हैं. समान नागरिक संहिता के फायदे और नुकसान को ऊपर समझया गया है. कृपया पोस्ट को देखें.
समान नागरिक संहिता के गुण और दोष
Common Civil Code या समान नागरिक संहिता के गुण और दोष को ऊपर पोस्ट में विस्तार से बताया गया है . कृपया पोस्ट देखें
समान नागरिक संहिता पर निबंध
समान नागरिक संहिता को ऊपर पोस्ट में विस्तार से बताया गया है. आप पोस्ट को देख कर समान नागरिक संहिता पर निबंध लिख सकते हैं.
समान नागरिकता कानून क्या है
कृपया पोस्ट को देखें. सारी जानकारी दी गयी है.
भारत में समान नागरिक संहिता की आवश्यकता क्या है
समान नागरिक संहिता के पक्ष में लोगो ने तर्कों द्वारा बताया है की देश के सभी नागरिको के समान अधिकार देने से विभिन्न प्रकार की दिए जाते हैं तो इस से सभी नागरिको में देश के प्रति देशभावन बढ़ेगी एवं देश तरक्की को प्राप्त होगा राजनीती स्तर पर भी वोट बैंक एवं धर्म की राजनीती को विराम मिलेगा एवं विकास की राजनीति पर मुख्य चर्चा होगी. इससे नीसंदेह देश की प्रगति एवं तरक्की में वृधि होगी.
गोवा में समान नागरिक संहिता
भारत देश में गोवा ही एक ऐसा देश है जिसमे समान नागरिक संहिता को लागु किया जा चुका है
समान नागरिक संहिता के गुण और दोष
समान नागरिक संहिता के गुण और दोष को ऊपर दी गयी पोस्ट में बताया गया है
Common Civil Code In Uttar Pradesh
अभी उत्तर प्रदेश में Common Civil Code लागु नहीं किया गया है.
कॉमन सिविल कोड क्या है
कॉमन सिविल कोड के बारे में ऊपर पोस्ट में दिया गया है.
Common Civil Code In GOA
भारत देश में गोवा ही एक ऐसा देश है जिसमे समान नागरिक संहिता को लागु किया जा चुका है
दोस्तों उम्मीद करते हैं की अब अगर आपसे कोई प्रश्न करता है की Common Civil Code Kya Hai तो आप इस प्रश्न का उत्तर आराम से दे सकते हैं. फिर भी अगर आपका कोई प्रश्न हो तो कमेंट बॉक्स में पूछना ना भूलें .